भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक लफ़्ज़ विदा लिखना / सुरजीत पातर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:31, 18 मई 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरजीत पातर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
एक सुलगता सफ़ा लिखना
दुखदायी है नाम तेरा
ख़ुद से जुदा लिखना
सीने में सुलगता है
यह गीत ज़रा लिखना
वरक जल जाएँगे
क़िस्सा न मिरा लिखना
सागर की लहरों पे
मेरे थल का पता लिखना
एक ज़र्द सफ़े पर
कोई हर्फ़ हरा लिखना
मरमर के बुतों को
आख़िर तो हवा लिखना