भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रेमिकाओ का प्रेम / प्रिया जौहरी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:04, 31 मई 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रिया जौहरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
प्रेमियों तुमसे से उम्मीद न थी
प्रेम को बहुत अलग समझा है तुमने
वैसा तो बिल्कुल नही
जैसा प्रेमिकाओं ने चाहा होगा
तुम प्रेम को भविष्य की तैयारी मानते हो
तुम प्रेम में इतने शांत हो जाते हो
जैसे तुम्हारा प्रेंम डेनमार्क की सड़कों
पर किसी जगह बेजान पड़ा हो
प्रेम में डूबी प्रेमिकाये ऐसा प्रेम नही चाहती
वो प्रेम को आज में जीना चाहती है
वो भी खूब शोर के साथ।