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दुख की चिट्ठी / केतन यादव
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सबसे अमौखिक दुख
सबसे अकेले भोगना पड़ता है
हर दुख आत्महत्या से पहले
चिट्ठी नहीं लिख पाता
कहने से दुख नहीं मिटता
केवल उसके शब्दकोश के शब्द कम हो जाते हैं।