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दो कवि थे / कात्यायनी
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दो कवि थे
बचे हुए अन्त तक ।
वे भी पुरस्कृत हो गए
इस वर्ष ।
इस तरह जितने कवि थे
सभी पुरस्कृत हुए।
और कविता ने खो दिया
सबका विश्वास ।
रचनाकाल : जुलाई 1997