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विभाजन / सुमन पोखरेल

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एउटा समय आयो
र त्यस समयले
टुक्राटुक्रा पार्ने कोशिस गर्‍यो समयलाई ।

टुक्रिएका ऐनाका टुक्राजस्तो
पूर्ण भएरै रह्यो हरेक टुक्रामा समय ।

समय टुक्रियो टुक्राटुक्रामा तर
भएन विभाजित ऊ

सोचिरहेछ मानिस
समयले टुक्याएथ्यो समय आफैँलाई
तर किन विभाजित भएन समय
र गराइदियो विभाजन मानिस मानिसका बीच ?