Last modified on 11 दिसम्बर 2024, at 23:39

आँसू न बहाओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

वीरबाला (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:39, 11 दिसम्बर 2024 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हे मेरे मन!
देते जो दुःख
अहर्निश क्लेश
पास न उनका
बचा है कोई जतन।
आँसू न बहाओ अब
गलाओ न तन।

साँझ -सवेरे
बोते रहे अँधेरे
बेमानी सब उनके
मधुर, कटु, वचन।
28/11/2024