वह लिखती है उसे वापस / हेनरी मीशॉ
वह लिखती है उसे वापस:
तुम कल्पना नहीं कर सकते वह सब वहाँ है आकाश में,
भरोसा करने के लिए तुम्हें इसे देखना होगा।
तो अब, वे... लेकिन मैं तुम्हें पलक झपकते नहीं बताने जा रही उनके नाम।
बावजूद ढेर सारा उनके उठाये होने के और
गा़लिबन सारे आकाश में डेरा डाल लेने के,
वे वज़नी नहीं हैं,
विशाल हालाँकि वे हैं,
जितना कि एक नवजात शिशु।
हम बुलाते उन्हें बादल।
यह सच है कि पानी आता है उनसे,
लेकिन उन्हें भींचने से नहीं, या उन्हें घेरने से।
ये फजूल होगा, उनके पास हैं थोड़े से।
लेकिन, उनके अपने विस्तृत वितान और विस्तृत विता
और गहराइयों तक डेरा ज़माने के तर्क से
और अपनी ऊँची फुल्लन के,
वे सफल होते लम्बी दौड़ में पानी की कुछ बूंदें गिराने की जुगत में, हाँ, पानी की।
और हम भले और भीगे।
क्रोधित हम भागते फंदे में आ जाने से;
भला कौन जानता कि वे कब जारी करने वाले हैं अपनी बूंदें;
कभी-कभार वे उन्हें जारी किये बिना दिनों तक आराम करते।
और कोई घर में ठहरा उनका इंतजार करता विफल।
अंग्रेज़ी से भाषान्तर : पीयूष दईया