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लोग बड़े हैं, बात बड़ी / अशोक अंजुम
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लोग बड़े हैं, बात बड़ी,
माल पास, हर जात बड़ी
अपना जिन्हें समझते हम
दे जाते हैं घात बड़ी
सारा ख़ून चूस लेगी
दीन बाप, बारात बड़ी
कोतवाल जिनके सइयाँ
है उनकी औकात बड़ी
मंत्रीपद जबसे पाया
आती हैं सौगात बड़ी
मिलन हो लगतीं छोटी-सी
बिछड़ गए हैं रात बड़ी