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सातवां वचन / संतोष श्रीवास्तव
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प्रकृति से एकरूप होने का
संदेश है सप्तपदी
बस सात तक ही सीमित है
प्रकृति की संपदा
इंद्रधनुष के सात रंग
संगीत के सात सुर
सात सागर
सप्तर्षि तारामंडल
सप्ताह के सात दिन
यह सात का आंकड़ा
जब ठहरता है सात फेरों में
तो सात जन्मों की
गुहार लगाती
खुल जाती है नियमावली
बिना किसी विकल्प के
सातवें वचन का मान
वामांगी होने का
गर्व भरा मोहक आश्वासन
जहाँ से कई दारुण गाथाएँ
जन्म लेती हैं
अदब के पन्नों पर
कई घटनाएँ
बन जाती हैं इतिहास
उस सातवें वचन का मान
जानती हैं स्त्रियाँ