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आन्ना अख़्मातवा के लिए-4 / ओसिप मंदेलश्ताम
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अपने पालक की आदी हो जाती है ततैया
उसकी जात ऐसी ही होती है, भइया
पर तेईस वर्षों से पिछले मैं मलंग
गिन रहा हूँ अपनी इस अख़्मातवा के डंक
(रचनाकाल :1934)
मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Осип Мандельштам
Ахматовой уколы
Привыкают к пчеловоду пчелы,
Такова пчелиная порода...
Только я Ахматовой уколы
Двадцать три уже считаю года.
1934