अहं का काला सूरज
सिर के ऊपर चढ़ता है
चढ़कर सिर पर
धीरे-धीरे सघन बनता है
फैलता है
फिर क्रमशः
घटाता है इंसान की ऊँचाई।
अहं का काला सूरज
सिर के ऊपर चढ़ता है
चढ़कर सिर पर
धीरे-धीरे सघन बनता है
फैलता है
फिर क्रमशः
घटाता है इंसान की ऊँचाई।