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कैसे उम्र गुज़ारी लिख / चन्द्र त्रिखा

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कैसे उम्र गुज़ारी, लिख
मकसद की बीमारी लिख

क्यों गोदान न हो पाया
धनिया की लाचारी लिख

हंसती थी रो देती थी
किस्सा राजकुमारी लिख

नस्लें कभी उदास न हों
मुस्कानों से यारी लिख

आधे सच की आदत छोड़
पीर पराई सारी लिख

जुगनू से किरणें मांगे
सूरज बना भिखारी लिख

लिख औरों की खातिर लिख
भले राग दरबारी लिख

खुद को छलते उम्र कटी
लिख अपनी अय्यारी लिख

मीरो ग़ालिब फ़ख्र करें
ऐसी गज़ल कंवारी लिख

चढ़ी रहे दिन रात सदा
ऐसी नाम खुमारी लिख