इतिहास का प्रश्नपत्र
दिमाग़ दौड़ा लिया यत्र-तत्र-सर्वत्र
समय तेजी से बीता जा रहा था
पूरे उत्तर की कौन कहे
उत्तर का 'उ' भी नहीं आ रहा था
प्रश्न था - सिन्धु घाटी सभ्यता की
विशेषताओं का वर्णन कीजिए
दो सौ शब्दों में उत्तर दीजिए
इधर प्रश्न देख बुद्धि चकरा रही थी
उधर मिनट की सुई भी
सेकेण्ड की सुई के साथ भागी जा रही थी
तभी सारी शंका धुल गई।
मेरी ज्ञान वाली आँख खुल गई
मैंने फल की चिंता छोड़,
कर्म करने का निर्णय लिया
इस प्रश्न का उत्तर कुछ इस प्रकार दिया
कि हड़प्पा की खोज के पीछे
सब अंग्रेज़ों का किया-धिया है
पता नहीं इस जॉन मार्शल ने
हमसे किस जन्म का बदला लिया है।
वैसे तो ये सभ्यता अच्छी थी जिसने अन्य
समकालीन सभ्यताओं को पीछे छोड़ दिया
पर अपने अवशेष छोड़ कर इतिहास की पुस्तक में
एक और पाठ जोड़ दिया
परन्तु यह सभ्यता छोटे बच्चों के लिए
अत्यंत सुखदायी थी
न सिलेबस न पुस्तक न पढ़ाई थी
माना की वहाँ दो मंज़िला भवनों के सिलसिले हैं
पर अब तक की ख़ुदाई में
स्कूल जैसे किसी ढाँचे के अवशेष नहीं मिले हैं।
अन्न भण्डार गृह, चौड़ी सड़कें
जिनसे छोटी बड़ी नालियाँ निकलती थी
मतलब बड़े बच्चों के लिए तब मात्र एक पढ़ाई
यानी सिविल इंजीनियरिंग चलती थी
और मिला है बड़ा-सा हॉल, नर्तकी की मूर्ति
इससे होती है इस बात की पूर्ति
कि तब भी क्लब परम्परा कहीं न कहीं
होगी उस समाज में भी कोई मल्लिका रही होगी
और मिले हैं मनके, खिलौने, मृद्भांड
मोहरें जिन पर अंकित हैं गेंडा और सांड
अर्थात स्टॉक एक्सचेंज की परिकल्पना
उन लोगों ने भी की होगी
तेजड़िया तो आज भी सांड ही है
मंदड़िये का स्थान भालू की जगह गेंडे को दी होगी
पर वह लोग थे बड़े होशियार
छोड़ गए बड़ा-सा स्नानागार
और कदाचित यह सिद्ध करने के लिए
हर जगह कुँआ खुदवाते थे
कि गर्मी हो या सर्दी वह लोग रेगुलर नहाते थे
इसके अतिरिक्त हम अपने ज्ञान पर
कुछ ज़्यादा ही विश्वास जताते हैं।
तब के बच्चों की चित्रकारी को उनकी लिपि बताते हैं
इस उत्तर को पढ़ कर परीक्षक की टिप्पणी आई
कि इस शोधपूर्ण उत्तर के लिए आपको हार्दिक बधाई
आपके परिश्रम को देखते हुए
यह निर्णय लिया जाता है
कि इस शोध को गहराई से पूरा करने हेतु
आपको इसी कक्षा में
एक वर्ष का समय और दिया जाता है।