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लोग नहीं नष्ट होने वाले / संजय चतुर्वेदी

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हो सकता है हमारा मूल्यांकन हो
विद्वान लोग हमारी उपेक्षा करते-करते नहीं रहें
लोग फिर भी रहेंगे

जंगल जल जाएँ
पहाड़ समतल हो जाएँ
नदियाँ उड़ जाएँ हवा में
लोग नहीं नष्ट होने वाले
चाहे नष्ट हो जाएँ उनके प्राणाधार
उनके श्रीमान भाग जाएँ दूसरी दुनिया में

जंगल जल जाने के बाद भी
हम सब बाक़ी रहेंगे।