कमर टिकाए खड़ा रहूंगा
वह जगह
हो जाएगी एक दिन
जगमग रौशन
मैं बहुत दिनों बाद
कहूंगा एक दिन
यहाँ कितनी रोशनी हो गई।
बहुत देर बाद
बतियाता रहूंगा किसी से
रात की लम्बी सड़क पर चलता
लूंगा विदा
एक अनजान आदमी-सा
उस धुंधली गली के पास।
कमर टिकाए खड़ा रहूंगा
वह जगह
हो जाएगी एक दिन
जगमग रौशन
मैं बहुत दिनों बाद
कहूंगा एक दिन
यहाँ कितनी रोशनी हो गई।
बहुत देर बाद
बतियाता रहूंगा किसी से
रात की लम्बी सड़क पर चलता
लूंगा विदा
एक अनजान आदमी-सा
उस धुंधली गली के पास।