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एक और नरक की कल्पना करो / ध्रुव शुक्ल

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सुनो न्यायाधीश
इस नरक की सारी सजाएँ झूठ
इस नरक में
एक और नरक की कल्पना करो
डर भरो
इस नरक में
उस नरक का
ऎसा करो
यह नरक कुछ छोटा पड़े

सज़ा मत दो
सज़ाओं की कल्पना दो
ओ जगत के ईश