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मुलाक़ात / रश्मि रमानी
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ज़िन्दगी के आख़िरी मोड़ पर
फिर एक बार
तुम मिल गए हो मुझे
पर,
शायद फिर खो जाने के लिए
तुम
जब भी मिले
अधूरे
न
मेरी तलाश पूरी हुई
न
तुम्हारी खोज