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घर -४ / नवनीत शर्मा

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उस परि‍चित से लगने वाले

बुजुर्ग की बेतरतीब दाढ़ी बहुत उदास करती है

जैसे मिला न हो कोई हज्‍जाम बरसों से

लोग इसे छूटा हुआ घर कहते हैं.