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मुझसे मिल / प्रेम साहिल

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रसने से पहले
आम का स्वाद
चखने चखाने के लिए

मुझसे मिल
गाँव के बाहर
नदी के बाँध पर
टहलने बतियाने के लिए

शाम के आँचल में गिरे
सूरज को उठाकर चुपके से
टीले की ओट में छुपाने के लिए

फिर अल सुबह मुझसे मिल
टीले की ओट में छुपाई
वही पतंग उड़ाने के लिए।