भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फूल-सा चेहरा / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:30, 16 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=क्षमायाचना / लीलाधर मंडल...)
लौटा जब-जब
जीवन से हारा
जब-जब डूबने को हुआ
फूल-सा चेहरा लिए कोई था