Last modified on 19 जनवरी 2009, at 11:46

नए शहर में बरगद / केदारनाथ सिंह

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:46, 19 जनवरी 2009 का अवतरण ("नए शहर में बरगद / केदारनाथ सिंह" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop:move=sysop])

जैसे मुझे जानता हो बरसों से
देखो, उस दढ़ियल बरगद को देखो
मुझे देखा
तो कैसे लपका चला आ रहा है
मेरी तरफ़

पर अफ़सोस
कि चाय के लिये
मैं उसे घर नहीं ले जा सकता