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मकई के खेत में-1 / निलय उपाध्याय

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बादल
कुलाँचें भर रहे हैं
आकाश का रंग काला हो रहा है
लहराता समुद्र
आ रहा है खेतों में

हाथी के बच्चों की तरह
सूँड उठाए खड़े हैं
स्वागत में
गूँफे खोलकर
मकई के नवजात पौधे