Last modified on 20 जनवरी 2009, at 19:51

हथौड़ा / मोहन साहिल

प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:51, 20 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन साहिल |संग्रह=एक दिन टूट जाएगा पहाड़ / मोहन ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पत्थर पर हथौड़े की
और हथौड़े पर पत्थर की
बराबर होती है चोट
जाने क्यों टूटता है हर बार
पत्थर ही नहीं देखा कभी
टूटते हुए हथौड़ा।