शाम के वक़्त
थकी, अकेली चिड़िया
भरती है उड़ान
ताकती है आसमान
आतुरता से ढूँढ रही है अपना साथी
कहाँ हो
आवाज़ दो, आवाज़ दो
शाम के वक़्त
थकी, अकेली चिड़िया
भरती है उड़ान
ताकती है आसमान
आतुरता से ढूँढ रही है अपना साथी
कहाँ हो
आवाज़ दो, आवाज़ दो