पेड़ की डाली पर लगा
सुर्ख़ लाल फूल
अपने पास बुलाता है
अकेलेपन के बोझ से
उबारना चाहता है मुझे
मानो कह रहा हो
आज आए हो
दो दिन बाद भी आना
मैं अपने बच्चों और साथियों के साथ
कहूँगा तुम्हें मुस्काते हुए
आओ मिलो
हँसो और खेलो ।
पेड़ की डाली पर लगा
सुर्ख़ लाल फूल
अपने पास बुलाता है
अकेलेपन के बोझ से
उबारना चाहता है मुझे
मानो कह रहा हो
आज आए हो
दो दिन बाद भी आना
मैं अपने बच्चों और साथियों के साथ
कहूँगा तुम्हें मुस्काते हुए
आओ मिलो
हँसो और खेलो ।