भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
झूलत राम पालने सोहैं / तुलसीदास
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:50, 27 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास }} <poem> '''राग बिलावल''' झूलत राम पालने सोहै...)
राग बिलावल
झूलत राम पालने सोहैं | भूरि-भाग जननीजन जोहैं ||
तन मृदु मञ्जुल मेचकताई | झलकति बाल बिभूषन झाँई ||
अधर-पानि-पद लोहित लोने | सर-सिङ्गार-भव सारस सोने ||
किलकत निरखि बिलोल खेलौना | मनहुँ बिनोद लरत छबि छौना ||
रञ्जित-अंजन कञ्ज-बिलोचन | भ्राजत भाल तिलक गोरोचन ||
लस मसिबिन्दु बदन-बिधु नीको | चितवत चितचकोर तुलसीको ||