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आज़ादी एक शब्द है / केशव

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सुनो
इस सीढ़ी पर
मत धरना पाँव
इसमें लगा है
आज़ादी का घुन
तुम्हारे कद से घबराकर ही
लीप-पोत दिया गया है इसे
आकर्षक रंगों से

यह सच है
कि आदमी हर समय
एक बन्दूक के सामने खड़ा है
आज़ादी एक शब्द है
जिसे उन्होंने
अपनी सुविधा के लिए गढ़ा है

पर यह भी सच है
कि बन्दूक से
हाथ
   बड़ा है

आज़ादी की इन सलवटों में
सुरक्षित है अभी तक
तुम्हारी चेतना
माँजो उसे
बनाओ
और
     धारदार

एक आएने की तरह वह
दिखायेगी तुम्हें
एक हाथ से उगते
असंख्य हाथों का
        चमत्कार
हाथ-से-हाथ
मिलाओ
चमकाओ
इस भट्ठी को
सुलगते रहना इसका
देगा सुकून
रोटी
    और
        ख़ून
यह मत भूलना
कि आदमी को
आदमी की आवाज़
देती है साहस
बेहिसाब