अचानक
चौंकती हूँ स्वप्न में
लगता है द्वार पर हुई दस्तक
सहसा
घाटी से धुंध
आकर लिपट जाती गिर्द
क्या तुम आओगे इसी तरह?
अचानक
चौंकती हूँ स्वप्न में
लगता है द्वार पर हुई दस्तक
सहसा
घाटी से धुंध
आकर लिपट जाती गिर्द
क्या तुम आओगे इसी तरह?