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मेरठ-6 / स्वप्निल श्रीवास्तव

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यहाँ से थोड़ी दूर है सरधना

वहाँ चर्च में ठेहुने के बल झुककर

मैं प्रार्थना करना चाहता हूँ


वहाँ एक लड़की के एक लड़के से

प्रेम करने की ख़बर है

मैं उन्हें दंगों से बचाना चाहता हूँ

जो उनके मोहल्ले में

होने वाला है


वह लड़की शहर को दंगे से

बचा सकती है

जैसे उसने इस लड़के को

बचाया है