Last modified on 15 फ़रवरी 2009, at 12:28

एक सभ्यता प्रेम के विरुद्ध / आलोक श्रीवास्तव-२

117.199.178.147 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 12:28, 15 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव }} <poem> दुनिया में सबसे कठिन चीज ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

  

दुनिया में सबसे कठिन चीज है
प्यार करना

एक मरुस्थल आ जाता है सबसे पहले
न जाने कहां से अगम्य पर्वत-श्रेणियां
एक खारा दरिया
एक नगर
एक समूची सभ्यता -
प्रेम के विरुद्ध

अपना ही साहस अपनी ही हंसी उड़ाने लगता है

वह तुम्हारी शत्रु हो जाती है
चली जाती है तुम्हारे ख्वाब से भी दूर
जीवन तुम्हें हांक देता है
किसी रेगिस्तान में .