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पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल / कुँअर बेचैन

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पुत्र।

तुम उज्जवल, भविष्यत् फल।

अम तुम्हारे आज हैं, लेकिन-

तुम हमारे आज के शुभ कल।

पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल।


तुम हमारे मौन स्वर की भी

मधुमयी, मधु छंदमय भाषा

तुम हमारी हृदय-डाली के

फूल की मुस्कान, परिभाषा


झील हम, तो तुम नवल उत्पल।

पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल।


तुम हमारे प्यार का सपना

तुम बढ़े तो क़द बढ़ा अपना

छाँव यदि मिलती रही तुमको

तो हमें अच्छा लगा तपना


हर समस्या का सरल-सा हल।

पुत्र, तुम उज्ज्वल भविष्यत् फल।