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मेरे साथ न आना तुम / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
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मेरे साथ न आना तुम
ये धोखा न खाना तुम
मुझपे तोहमत आने दो
ख़ुद पे हर्फ़ न लाना तुम
मैं बेसाया रस्ता हूँ
धूप में जल न जाना तुम
मैं तो बस दीवाना था
अपने को समझाना तुम
आख़िर मुझे उजड़ना था
अपने ख़्वाब सजाना तुम
दुनिया की थी फ़िक्र मुझे
मैं मूरख था दाना तुम