Last modified on 10 मार्च 2009, at 19:06

कलि नाम काम तरु रामको / तुलसीदास

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:06, 10 मार्च 2009 का अवतरण

कलि नाम काम तरु रामको।
दलनिहार दारिद दुकाल दुख, दोष गोर घन घामको॥१॥
नाम लेत दाहिनो होत मन, बाम बिधाता बामको।
कहत मुनीस महेस महतम, उलटे सूधे नामको॥२॥
भलो लोक परलोक तासु जाके बल ललित-ललामको।
तुलसी जग जानियत नामते सोच न कूच मुकामको॥३॥