Last modified on 13 मई 2009, at 08:42

वार्ता:चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया

Nickappu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:42, 13 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया ज़हर भी चाहा अगर, पीना तो पीने न द...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
Return to "चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया" page.

चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया ज़हर भी चाहा अगर, पीना तो पीने न दिया चाँद के रथ पे रात की दुल्हन, जब जब आएगी याद हमारी आपके दिल को तदपा जायेगी आपने जो है दिया, वो तो किसी ने न दिया, ज़हर भी चाहा अगर पीना तो पीने ना दिया, आपका गम जो इस दिल में, दिन रात अगर होगा सोच के ये दम घुट ता है, फिर कैसे बसर होगा, काश ना आती अपनी जुदाई, मौत ही आ जाती कोई बहाने चैन हमारी, रूह तो पा जाती एक पल हसना कभी, दिल की लगी ने ना दिया ज़हर भी चाहा अगर, पीना तो पीने ना दिया...