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किसने वादा किया है आने का / जोश मलीहाबादी
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किसने वादा किया है आने का
हुस्न देखो ग़रीब ख़ाने का
रूह को आईना दिखाते हैं
दर-ओ-दीवार मुस्कुराते हैं
आज घर, घर बना है पहली बार
दिल में है ख़ुश सलीक़गी बेदार
जमा समाँ है ऐश-ओ-इश्रत का
ख़ौफ़ दिल में फ़रेब-ए-क़िस्मत का
सोज़-ए-क़ल्ब-ए-कलीम आँखों में
अश्क-ए-उम्मीद-ओ-बीम आँखों में
चश्म-बर-राह-ए-शौक़ के मारे
चांद के इन्तज़ार में तारे