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हरि हेर हमारे हिये विष बीजन / नंदराम

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हरि हेर हमारे हिये विष बीजन ,
बै गयो बै गयो बै गयो री ।
ठनि ठौर कुठौर सनेह की ठोकर ,
दै गयो दै गयो दै गयो री ।
नँदरामजू त्योँ बिरहानल ते तन ,
तै गयो तै गयो तै गयो री ।
चित मेरो चुराय के चोर अली मन ,
लै गयो लै गयो लै गयो री ।

नंदराम का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।