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वो सितमगर है तो है / विज्ञान व्रत

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वो सितमगर है तो है
अब मेरा सर है तो है

आप भी हैं मैं भी हूँ
अब जो बेहतर है तो है

जो हमारे दिल में था
अब जुबाँ पर है तो है

दुश्मनों की राह में
है मेरा घर, है तो है

एक सच है मौत भी
वो सिकन्दर है तो है

पूजता हूँ मैं उसे
अब वो पत्थर है तो है