भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गोपाल राधे कृष्ण गोविंद / मीराबाई
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:58, 22 जून 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> गोपाल राधे कृष्ण गोविंद॥ गोविंद॥ध...)
गोपाल राधे कृष्ण गोविंद॥ गोविंद॥ध्रु०॥
बाजत झांजरी और मृंदग। और बाजे करताल॥१॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। गलां बैजयंती माल॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। भक्तनके प्रतिपाल॥३॥