जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥१॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥२॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥३॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥४॥
जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥१॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥२॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥३॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥४॥