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प्रेमकथा-5 / शुभा
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कोई भागा है चप्पलें छोड़कर
घास रौंदी हुई है
टूटी हुई चूड़ियाँ चमक रही हैं
इधर कोई चीज़ घसीटे जाने के निशान हैं
यहाँ घास ख़ून में डूबी हुई है।