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कवि का अख़बार / विमल कुमार

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कवि ने अख़बार निकाला
सब हँसे
- यह कोई अख़बार है
पीछे से शुरू हो
और मुखपृष्ठ पर कविता छपे
विचित्र अख़बार है!

नगर में उस दिन
यही सबसे बड़ी ख़बर थी