ये रोशनी
नहीं होने देंगे
रोशनी होगी
तब ये कहाँ होंगे
अंधेरे में द्रोपदी को
भोगते रहना ही
काम्य है
आज के अर्जुनों का
साम्य है
ये रोशनी
नहीं होने देंगे
रोशनी होगी
तब ये कहाँ होंगे
अंधेरे में द्रोपदी को
भोगते रहना ही
काम्य है
आज के अर्जुनों का
साम्य है