भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

'केशव' सूधो विलोचन सूधी / केशवदास

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:12, 29 जुलाई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशवदास }} Category:पद <poeM>'केशव सूधो विलोचन सूधी, विलो...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

'केशव सूधो विलोचन सूधी, विलोकनि कों अवलोकै सदाई।
सूधिये बात सुनै समुझे, कहि आवत सूधियै बात सुहाई॥

सूधी सी हाँसी सुधाकर, मुख सोधि लई वसुधा की सुधाई।
सूधे सुभाइ सबै सजनी, बस कैसे किए अति टेढे कन्हाई॥