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तू पीठ सीधी रख ओ लड़की / शार्दुला नोगजा

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तू पीठ सीधी रख ओ लड़की
बस आज ये सिंगार कर ले,
स्टील, लोहा, सोना, चांदी
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले!


तू पीठ सीधी . . .



आज तू काजल लगा ना
अपनी कलम स्याही से भर ले,
झूमर में हैं जो दो सितारे
कर यत्न, आँखों में उतर लें!



तू पीठ सीधी . . .



गूढ़तम जो प्रश्न होगा
लौटेगा अनुत्तरित समझ ले
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
तू जी इसे, उत्तरत कर ले!



तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!

१० नवम्बर ०८