Last modified on 15 अगस्त 2009, at 15:38

कविता से पूछो / नंदकिशोर आचार्य

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:38, 15 अगस्त 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=कवि का कोई घर नहीं होता ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

फूल आकाश का खिलना है
या उसका सिमट आना
यह उस कविता से पूछो-
शब्द में खिल उठती है जो
जिसमें
सारी दुनिया सिमट आती है