कैवेन्टर्स ईस्ट उस मकान का नाम था जिसमें अज्ञेय जी रहते थे
लॉन में दूब है
दूब के पार
गुलाब के पौधे
पौधों की क्यारी के कोने पर
मुआनक़े<ref>गले मिलना</ref> के मह्व<ref>तल्लीन</ref>
नीम के तनावर दरख़्तों पर
बड़ा-सा घोंसला है
लैला की झुकी शाख़ों में
बुलबुल का फँसा पर
फड़फड़ाता है...
शब्दार्थ
<references/>