Last modified on 22 अगस्त 2009, at 13:46

कैवेन्टर्स ईस्ट-2 / शीन काफ़ निज़ाम

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:46, 22 अगस्त 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कैवेन्टर्स ईस्ट उस मकान का नाम था जिसमें अज्ञेय जी रहते थे


उस दिन
जब गर्म दूध से जला अपना हाथ
मेरे कांधे पर रख
तुम ने खिंचवाई थी
तस्वीर
तो मुझे कहाँ मालूम था कि तुम
मुझे सब्ज़-बाग़ दिखा कर
मेरे कमज़ोर कांधे की कुव्वत<ref>शक्ति</ref> देख रहे हो!

अब तो ये सवाल भी पूछूँ तो किस से पूछूँ कि
क्या तुमने उस वक़्त
कांधे की क़ुव्वत की कमज़ोरी भी भाँपी थी?

नहीफ़ो-नाज़ार<ref>दुबला-पतला और कमज़ोर</ref> कांधे पर
तुम्हारी पोरों के लम्स<ref>स्पर्श</ref> का लम्बा लम्हा
दूर तक फैला हुआ है और
मैं
तन्हा<ref>अकेला</ref> खड़ा हूँ...


शब्दार्थ
<references/>