भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मिरा गुनहगार है वो / अरुणा राय
Kavita Kosh से
कुमार मुकुल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:07, 24 अगस्त 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरुणा राय |संग्रह= }}<poem> वो सामने है मिरे औ जुदा भ...)
वो
सामने है मिरे
औ
जुदा भी है
मिरा
गुनहगार है वो
औ
खुदा भी है।