Last modified on 30 अगस्त 2009, at 19:19

तस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नहीं बनती / ख़ुमार बाराबंकवी

Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:19, 30 अगस्त 2009 का अवतरण

तस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नहीं बनती
एक ख़्वाब सा देखा है ताबीर नहीं बनती

बेदर्द मुहब्बत का इतना-सा है अफ़साना
नज़रों से मिली नज़रें मैं हो गया दीवाना
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती

दम भर के लिए मेरी दुनिया में चले आओ
तरसी हुई आँखों को फिर शक्ल दिखा जाओ
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती