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पंछीनामा-1 / इब्बार रब्बी

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तेरा पेड़

ये तेरा पेड़, ये मेरा पेड़
ये तेरी डाल, ये मेरी डाल
मेरे पेड़ पर मत आना
मेरी डाल पर मत बैठना
मुक़दमा करूंगा।
सभ्य हैं,
सिर्फ़ चिड़िया नहीं हैं हम।

अबे! क्यों आदमी की
नकल करता है।


रचनाकाल : भरतपुर, 17.10.1981